चंडीगढ़ : पंजाब में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। इसे रोकने के लिए पंजाब सरकार एक और अहम कदम उठाने जा रही है। सरकार किसानों से वॉटर सेस खत्म करने की तैयारी कर रही है। सरकार ने अपने स्तर पर इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि इससे पहले सरकार कई सालों तक किसानों से जल कर यानी वॉटर सेस नहीं ले रही है। हालांकि, यदि यह योजना ठीक से लागू की गई तो नहर के पानी के उपयोग पर कोई बिल नहीं लगेगा। विभाग के मुताबिक यह सेस 100 रुपए प्रति एकड़ बनता है। सरकार इसे खत्म करना चाहती है और किसानों को भूजल के बजाय नहर के पानी का अधिक उपयोग करना चाहिए इसलिए नहरों एवं तालाबों की स्थिति में सुधार किया गया है।
कैबिनेट मंत्री मीत हेयर ने कहा कि पंजाब सरकार ने 40 साल बाद खेतों तक नहरी पानी पहुंचाया है। 13,000 से अधिक तालाबों की मुरम्मत की गई है, जिससे किसानों को लाभ होगा। इसके अलावा और भी कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
यहां बता दें कि पिछले 8 साल के दौरान 210.69 करोड़ रुपए वाटर सेस बनता है, जिसमें से सिर्फ 2.5 करोड़ रुपए की ही वसूली हो पाई है। करीब 208 करोड़ बकाया है। यदि यह योजना अच्छी तरह लागू हो गई तो किसान भूजल का कम उपयोग करेंगे, जिससे बिजली की खपत कम होगी और राज्य पर बिजली सब्सिडी का बोझ भी कम होगा। अत: इससे जहां किसानों को फायदा होगा वहीं जमीन के नीचे घटते जल स्तर से भी बचाव होगा।