फरीदकोट :- (विपन कुमार मित्तल) शिरोमणि अकाली दल खास कर बादल परिवार के कट्टर दुश्मन रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ और मनप्रीत बादल अब बी.जे.पी. और अकाली दल के बीच दोबारा गठबंधन कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। दोनों पार्टियों के नेता हिंदू-सिख समुदाय को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में होने वाला गठबंधन का ऐलान इसी पर आधारित होगा। गठबंधन के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो फिलहाल बी.जे.पी. में हैं, अकाली दल के सुखबीर बादल के साथ मंच साझा करते नजर आएंगे। लोकसभा चुनाव में अब तक पंजाब में 13 सीटों में से बी.जे.पी. 3 सीट और अकाली दल 10 सीटों पर चुनाव लड़ती आई है। इस बार अगर गठबंधन होता है तो सीट शेयरिंग में बदलाव देखा जा सकता है। गठबंधने के बाद बी.जे.पी. पंजाब में 6 या उससे ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।सुखबीर बादल के चचेरे भाई मनप्रीत बादल ने अकाली दल छोड़कर पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब (पीपीपी) बनाई और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछले साल मनप्रीत बादल बी.जे.पी. में शामिल हो गए थे और गठबंधन के बाद वह भी फिर से अकालियों के साथ आ जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि मनप्रीत बादल ने कैप्टन और सुनील जाखड़ के सहयोग से अकाली दल और बी.जे.पी. के बीच मतभेद दूर कर लिए हैं।पिछले 10 दिनों के दौरान बी.जे.पी. के केंद्रीय लीडरशिप और अकाली दल के नेताओं समेत पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बी.एस. भूंदड़ और सिकंदर सिंह मलूका कई दौर की बैठकें कर चुके हैं। हालांकि अकालियों ने इससे इंकार किया है, लेकिन बी.जे.पी. सूत्रों ने बैठकों और समझौते की प्रबल संभावना की पुष्टि की है। यह भी कहा जा रहा है कि अकाली दल बी.जे.पी. की इच्छा के मुताबिक पंजाब में सीट शेयरिंग के लिए तैयार है। सूत्रों के मुताबिक इसके साथ ही पंजाब के पारम्परिक बी.जे.पी. नेता और आर.एस.एस. इस गठबंधन के खिलाफ हैं।सूत्रों के मुताबिक यह भी बताया जा रहा है कि बी.जे.पी. में शामिल हुए कांग्रेस नेताओं के एक गुट का मानना है कि अकाली दल के साथ गठबंधन करके आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती पैदा की जा सकती है। यह भी पता चला है कि बी.जे.पी. पंजाब में 6 या उससे ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती