भारी बारिश के चलते रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होने से नौ जुलाई से शिमला के लिए रेल सेवा बंद पड़ी है। अक्तूबर से शुरू होने वाले पर्यटन सीजन से पहले ट्रेनें चलने से कारोबार को गति मिलेगी।

    कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर पहली अक्तूबर शिमला के लिए टॉय ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी। भारी बारिश के चलते रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होने से नौ जुलाई से शिमला के लिए रेल सेवा बंद पड़ी है। अक्तूबर से शुरू होने वाले पर्यटन सीजन से पहले ट्रेनें चलने से कारोबार को गति मिलेगी। रेलवे प्रबंधन के अनुसार 30 सितंबर को ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल सफल होने पर कालका से शिमला तक रेलों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। अभी कालका से सोलन तक ही रेल की आवाजाही हो रही है। विंटर टूरिस्ट सीजन से पहले रेलवे ट्रैक दुरुस्त होने से राजधानी में पर्यटन सीजन के भी रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।

    अभी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए रेल ट्रैक को दुरुस्त करने का काम अंतिम चरण में है। शिमला में समरहिल और फागली के पास भूस्खलन के कारण बंद पड़े रेल ट्रैक को बहाल करने का काम जोरों से चल रहा है। उत्तरी रेलवे के मंडल प्रबंधक लगातार इस काम की रिपोर्ट ले रहे हैं। समरहिल में ट्रैक को दुरुस्त करने के लिए रेलवे विभाग अंबाला, दिल्ली, जालंधर से आए इंजीनियर काम में जुटे हैं। यहां ट्रैक तैयार करने का काम 70 फीसदी और फागली में 90 फीसदी पूरा हो चुका है। रेलवे का दावा किया है कि अगले एक हफ्ते ट्रैक का काम पूरा हो जाएगा।

    352 जगह से क्षतिग्रस्त हुआ है ट्रैक

    बारिश के कारण कालका से शिमला ट्रैक 352 जगह से क्षति हुआ है। कालका से शिमला के बीच 19 स्टेशन आते हैं। यह ट्रैक 96 किलोमीटर लंबा और नैरो गेज सिंगल ट्रैक वर्किंग रेल लिंक है। इसे 19वीं शताब्दी के मध्य में बनाया था। भारी बारिश में भूस्खलन होने से ट्रैक पर पत्थर, मलबा और पेड़ गिरे। कई जगहों पर ट्रैक के नीचे से डंगे खिसक गए और पटरी हवा में लटक गई। इससे ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई। कालका से शिमला तक 9 जुलाई से रेलों की आवाजाही बंद है। एक अक्तूबर से रेल सेवा बहाल होने से स्थानीय लोगों सहित सैलानियों को राहत मिलेगी।

    30 सितंबर को शिमला-कालका रेल ट्रैक पर शिमला तक ट्रेन चलाने का ट्रायल किया जाएगा। यदि ट्रायल सफल रहा तो पहली अक्तूबर से नियमित तौर पर शिमला के लिए ट्रेन की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।-मंदीप सिंह भाटिया, डीआरएम रेल मंडल अंबाला

    समरहिल में हवा में लटक गई थी पटरी

    आपदा कारण समरहिल में पुल नंबर 800 पूरी तरह से टूट गया था और पटरी हवा में लटक गई थी। मौके पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर ब्रिज, रेल पथ और 100 कर्मचारी पुल को तैयार कर रहे हैं। 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। यहां 40 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है। इसमें 20-20 मीटर के दो लोहे के गार्डर लगाए जाएंगे। इसके ऊपर ट्रैक बिछेगा और नीचे दो आरसीसी पिलर होंगे।