नई दिल्ली, 27 नवंबर: इस पवित्र दिवस पर दिल्ली के विभिन्न गुरुद्वारों में कीर्तन दीवान सजाए गए और संगत ने गुरबाणी कीर्तन के माध्यम से गुरु साहिब के उपदेशों को याद किया। मुख्य कार्यक्रम गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर स्थित भाई लक्खी शाह वणजारा हॉल में आयोजित किया गया था जिसमें लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित अन्य गणमान्य शख्सियतें उपस्थित रहीं।

    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका एवं महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि गुरु नानक देव जी का आगमन उस समय हुआ जब धर्म के ठेकेदार, भोले-भाले लोगों को कर्मकांडों में उलझाकर गुमराह करने में लगे हुए थे। गुरु साहिब ने अपनी चार उदासियों के दौरान मक्का मदीना, जगन्नाथ पुरी व कई अन्य स्थानों की यात्रा की जिसमें उन्होंने समाज को अंधविश्वास से बाहर निकालते हुए प्रभु भक्ति करने, मेहनत व गुरु का लंगर बांट कर छकने का उपदेश दिया। उन्होंने स्वयं करतारपुर साहिब की भूमि पर 14 वर्ष तक कृषि करते हुए इस सिद्धांत के अनुपालन का वास्तविक रूप भी समझाया।

    सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि आज पूरा सिख समुदाय गुरु नानक देव जी द्वारा दुनिया भर में दिये गये मानवता के संदेश के अनुरूप काम कर रहा है। जब गुरु साहिब ने सरबत के भले की बात की तो आज विश्व भर के सिखों के दिखा दिया कि वे मानवता की सेवा के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया सिख समुदाय द्वारा की गई मानवता की सेवा से प्रभावित है और 20 रुपये का लंगर दुनिया के हर कोने तक पहुंच गया है तथा अंग्रेजों सहित विभिन्न वर्गों व समुदाय के लोगों को यह स्वीकार करना पड़ा है कि सिख मानवता की सेवा और सबकी भलाई के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।


    सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि दिल्ली की संगतों द्वारा की गई सेवा का अनुसरण करते हुए हम आज न केवल धार्मिक क्षेत्र में बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी संगतों की सेवा कर रहे हैं और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े कदम उठा रहे हैं। बीते कई वर्षों से संगत बाला साहिब अस्पताल खुलने का इंतजार कर रही थी जिसे हम अगले कुछ दिनों में इसे शुरू करने जा रहे हैं। इसी प्रकार गुरुद्वारा बंगला साहिब में पहले से चल रहे एमआरआई और सीटी स्कैन प्रोजेक्ट के साथ-साथ जल्द ही पीईटी स्कैन मशीन भी लगाई जा रही है। सरदार कालका और सरदार काहलों ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग सिर्फ राजनीति के लिए गुरु घरों और पंथ संस्थाओं को बदनाम करने में लगे रहते हैं।

    जबकि कमेटी की मौजूदा टीम संगत का एक-एक पैसा पूरे हिसाब-किताब और अच्छी व पारदर्शी सोच के कार्य कर रही है। जिसे कोई भी कभी भी चेक कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब से टीम ने सेवा संभाली है, पिछले प्रशासकों की अक्षमता के कारण गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों को 74 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

    इस अवसर पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए सरदार कालका एवं सरदार काहलों ने बताया कि हाल ही में दिल्ली के उप राज्यपाल श्री वीके सक्सेना के गुरुद्वारा सीसगंज साहिब क्षेत्र के दौरे के बाद अब श्रद्धालुओं के चालान काटने की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी गई है। अब गुरु घर में माथा टेकने वाले किसी भी श्रद्धालु का चालान नहीं होगा।

    इस मौके पर सरदार कालका ने बंदी सिंहों का मुद्दा उठाया और कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस मामले में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी को विशेष जिम्मेदारी दी है और हमें ही इस मुद्दे को सुलझाना है तो इसके जवाब में सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने संबोधन में कहा कि पांच राज्यों के चुनाव समाप्त होने के बाद वह इस मामले में केंद्र सरकार के साथ कमेटी के प्रतिनिधियों और कौम की अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ बैठक करवाते हुए बातचीत के माध्यम से सभी निर्णयों को लागू करवाने का प्रयास करेंगे।

    उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकारों के बारे में तो नहीं बोल सकते, लेकिन जो भी फैसला केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होगी, उसे केंद्र सरकार के साथ उच्च स्तर पर जरूर उठाया जाएगा।

    इस कार्यक्रम में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की ओर से स्पीकर ओम बिरला और सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा को सिरोपा देते हुए सम्मानित किया गया।
    कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिल्ली कमेटी के सदस्य अन्य गणमान्य शख्सियतों सहित बड़ी संख्या में संगत उपस्थित रही।