फरीदकोट(विपन मित्तल )- बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी डा. राज बहादुर को वार्ड में फटे-पुराने गद्दे पर लिटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पंजाब में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। मंत्री के व्यवहार से आहत होकर वीसी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मामले को लेकर अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल, सांसद हरसिमरत कौर बादल, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिद्धू, पीएयू के पूर्व वीसी सरदारा सिंह जौहल ने भी डा. राज बहादुर के साथ स्वास्थ्य मंत्री के दुर्वयवहार की कड़ी निंदा की है।उनके बाद उनके सचिव ओपी चौधरी ने भी पद से इस्तीफा दे दिया। उधर, अमृतसर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. राजीव देवगन के बाद शनिवार सुबह वाइस प्रिंसिपल डा. जेस कुलार ने भी त्याग पत्र दे दिया। गुरु नानक देव अस्पताल के एमएस डा. केडी सिंह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। बता दें कि शुक्रवार को गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज अस्तपाल के दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा ने एक बंद पड़े वार्ड को खुलवाकर बेड पर पड़े फटे-पुराने गद्​दे पर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राज बहादुर को लिटाया था। शुक्रवार को गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज फरीदकोट का दौरा करने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा निरीक्षण के दौरान एक वार्ड में बेड पर फटा-पुराना गद्दा बिछा देखकर भड़क गए थे। इस दौरान उनके साथ मौजूद बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी डा. राज बहादुर को इस गद्दे पर लेटने को कह दिया और न चाहते हुए उन्हें गद्दे पर लेटना पड़ा।इससे पहले, अमृतसर स्थित सरकारी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. राजीव देवगन तथा गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. केडी सिंह ने अपना त्यागपत्र सरकार को भेज दिया है। हालांकि त्यागपत्र देने का कारण काम का अत्यधिक बोझ बताया गया है, लेकिन मेडिकल शिक्षा एवं चिकित्सा से जुड़े दो अधिकारियों द्वारा एक साथ त्यागपत्र भेजे जाने के बाद यह चर्चा आम है कि स्वास्थ्य मंत्री के व्यवहार से दोनों अधिकारी खिन्न थे।