अमृतसर/02अक्टूबर: पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने मौजूदा भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर और सभी उपलब्ध पदों को भरने के लिए नए सिरे से टेस्ट लेने के अलावा, 150 करोड़ रूपये के पंजाब पुलिस भर्ती घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

     

    यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि भले ही पटियाला में एफआईआर दर्ज किए जाने के बावजूद तथा 560 सबइंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए टेस्ट में धोखाधड़ी के तरीकों का इस्तेमाल किए जाने के बावजूद, इस पूरी प्रक्रिया को रदद नही किया गया ।‘‘ अनाज मंडी थाने में जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसके अनुसार स्पष्ट है कि परीक्षार्थी का पेपर परीक्षा केंद्र के बाहर से किया गया था। यह स्पष्ट है कि कंप्यूटर को हैक किया गया था, और अन्य उम्मीदवारों ने भी परीक्षा के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया था, जिसमें हेड कांस्टेबलों और सिपाहियों सहित 5500 से अधिक पदों की भर्ती प्रक्रिया के लिए सात लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया था’’।

    सरदार मजीठिया ने कहा कि भले ही यह स्पष्ट हो गया है कि यह घोटाला पूरी तरह साबित हो गया है ,लेकिन सरकार इस मुददे पर कार्रवाई नही कर रही है। उन्होने कहा कि , ‘‘ हम पूरे घोटाले की सीबीआई जांच यां फिर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जज से जांच की मांग करते हैं। इस घोटाले की जड़े अन्य राज्यों तक फैली हुई हैं और इसमें कांग्रेस के कई नेताओं के साथ साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं और केवल निष्पक्ष जांच से ही इस मामले की सच्चाई सामने आएगी’’।

     

    कांग्रेस सरकार द्वारा इस मामले पर पूरी तरह चुप्पी साधे जाने की निंदा करते हुए सरदार मजीठिया ने इस पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से आयोजित किए जाने की मांग की है। ‘‘ परीक्षा में भाग लेने वाले सभी लोगों को इसके लिए फिर से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जानी चाहिए तथा उनसे इसके लिए कोई शुल्क नही लिया जाना चाहिए’’। उन्होने यह भी मांग की कि पंजाब सरकार अपनी एजेंसियों द्वारा यह परीक्षा करवाकर किसी बाहरी एजेंसी से नही करवाया जाना चाहिए।

    1अक्टूबर की पिछली खरीद की तारीख के अनुसार मंडियों में अपना धान लाने वाले किसानों को परेशान करने के बारे पूछे जाने पर सरदार मजीठिया ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि राज्य सरकार इस मुददे पर सो रही है। ‘‘ सच्चाई यह है कि 1 अक्टूबर से धान की सुचारू खरीद के लिए कोई कोशिश नही की गई है, क्योंकि कांग्रेस के शीर्ष नेता कुर्सी की लड़ाई में लगे हुए थे’’। उन्होने कहा कि अब केंद्र सरकार ने दस दिनों के लिए यह स्थगित कर दी है , परंतु राज्य सरकार को अपनी एजेंसियों को धान की खरीद तुरंत शुरू करने के निर्देश देने चाहिए।

    एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके मंत्रिमंडल के साथी पंजाब की जनता के साथ किए गए वादों को लागू करने में विफल होकर अपनी जिम्मेदारी से नही भाग सकती। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री को पीसीसी चीफ नवजोत सिद्धू द्वारा काम करने की अनुमति नही दे रहा था। ‘‘ लोग कांग्रेस पार्टी की आंतरिक तकरार को लेकर चिंतित नही है, वे केवल यह चाहते हैं कि उनके मुददो का समाधान हो। कांग्रेस सरकार को राज्य के संसाधनों की लूट पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लोगों की समस्याओं का समाधान करने पर करना चाहिए’’।

    इस अवसर पर वरिष्ठ नेता अनिल जोशी भी मौजूद थे।