पंजाब में होने वाले नगर निगम चुनाव को लेकर सियासत गर्माई हुई है। विधानसभा चुनावों में भारी सीटों से जीत हासिल करने के बाद आप पार्टी को सत्ता में करीब पौने 3 साल का समय हो चुका है। लेकिन उसके बावजूद अभी तक नगर निगम के चुनाव लंबित पड़े हुए है। वहीं विपक्ष द्वारा पिछले कुछ माह से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नगर निगम चुनाव जल्द से जल्द करवाने की मांग की जा रही है। हाल ही में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर निगम चुनावों को लेकर निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि 15 दिन के भीतर नगर निगम चुनाव संबंधी शेड्यूल जारी किया जाए और इसकी सूचना उच्च न्यायालय को दी जाए। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश को 15 दिन से ज्यादा का वक्त हो गया है परंतु पंजाब सरकार ने अभी तक राज्य में नगर निगम चुनाव संबंधी कोई शेड्यूल जारी नहीं किया गया।

    दूसरी ओर इस मामले को लेकर आज पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। सरकार की ओर से एक एसएलपी (स्पेशल लीव पिटिशन) दायर कर दी गई। एसएलपी नंबर 51131/2024 में संभवत यह तर्क दिया गया है कि फगवाड़ा नगर निगम संबंधी एक याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और उसपर अभी कोई फैसला नहीं आया है परंतु हाईकोर्ट ने सभी निगम चुनावों का शेड्यूल जारी करने के निर्देश दे दिए हैं। यह एसएलपी स्टेट ऑफ पंजाब बनाम बेअंत कुमार के टाइटल से दायर की गई है।

    इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट कर लिया गया है और जल्द इस पर सुनवाई संभावित है। माना जा रहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्त्ताओं के तर्क से सहमत होते हुए स्टे आर्डर जारी कर दिया तो पंजाब में नगर निगम चुनावों में और कई महीनों की देरी हो सकती है। राजनीतिक क्षेत्रों में तो यह भी चर्चा है कि सुप्रीम कोर्ट में यह केस एक प्रसिद्ध वकील (जो कांग्रेस के पदाधिकारी रहे हैं) द्वारा लड़ा जाएगा।