हॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक सीन बेकर की फिल्म ‘अनोरा’ 97वें ऑस्कर में छा गई। फिल्म ‘अनोरा’ ने पांच ऑस्कर अवॉर्ड जीते हैं। सीन बेकर की यही फिल्म उम्दा नहीं है, वह कई और बेहतरीन फिल्में भी बना चुके हैं। जानिए, सीन बेकर कैसे बने निर्देशक? उनकी रुचि फिल्मों में कैसे पैदा हुई? निर्देशक के करियर और जिंदगी से जुड़ी खास बातें।
बचपन में निर्देशक बनने का ठान लिया
सीन बेकर पांच साल के रहे होंगे जब उनकी मां यूनिवर्सल मॉन्स्टर्स की सीरीज दिखाने के लिए मेलबर्न की लाइब्रेरी लेकर गई। सीन बेकर को यह फिल्म और उसके दृश्य इतने भा गए कि वह इसी बारे में सोचने लगे। यही से सीन बेकर के मन में फिल्मों को लेकर रुचि पैदा हुई। लेकिन जब वह 20 साल के हुए तो नशे की लत लग गई। लेकिन सिनेमा के लिए प्यार के कारण वह इस बुरी लत से बाहर आ गए। आगे सीन बेकर ने अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में वह फिल्म स्टडी प्रोग्राम ही कर रहे थे लेकिन पढ़ाई छोड़ वह हॉलीवुड चल दिए। बाद में यानी 1998 में आकर अपनी डिग्री पूरी की। साल 2000 में सीन बेकर ने पहली फिल्म ‘फोर लेटर वर्ड्स’ बनाई।
संघर्ष का सामना भी करना पड़ा
ऐसा नहीं है कि सीन बेकर को हॉलीवुड में आसानी से मौके मिल गए। उन्होंने शुरुआती दौर में काफी संघर्ष किया। वह निर्देशक बनने के दौरान टैक्सी भी चलाते थे। साल 2015 में उन्होंने एक फिल्म ‘टैंजरीन’ बनाई, यह एक ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर की कहानी है। इसमें सीन बेकर ने बतौर टैक्सी ड्राइवर अपने अनुभवों को भी शामिल किया है। यह फिल्म इसलिए भी खास है क्योंकि इसे सीन बेकर ने आईफोन से बनाया था। सीन बेकर से राजामौली भी काफी इंस्पायर बताए जाते हैं। उन्हें इस हॉलीवुड निर्देशक का ऑस्कर में दिया गया भाषण काफी पसंद आया।
सीन बेकर की फिल्म ने जीते ऑस्कर में अवॉर्ड
97वें एकेडमी अवॉर्ड यानी ऑस्कर में सीन बेकर को फिल्म ‘अनोरा’ के लिए बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीन प्ले, बेस्ट एडिटर, बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला। वहीं फिल्म की हीरोइन को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। सीन एक ऐसे निर्देशक हैं जो जानते हैं कि सिनेमा में अनकही कहानियों को दिखाया जाना भी जरूरी है। यही बात उनकी फिल्मों की कहानियों में भी साफ झलकती है।