इस साल की जन्माष्टमी कुछ खास होने वाली है। कान्हा के जन्मदिन से पहले ही यहां मुंबई में उनकी लीलाओं की एक अद्भुत झांकी देश के अपनी तरह के अनोखे सांस्कृतिक केंद्र में सजने वाली है। इसकी तैयारियों में हिंदी फिल्म जगत के प्रसून जोशी से लेकर नीता लुल्ला और सचिन-जिगर जैसे दिग्गज कलाकार महीनों से लगे हुए हैं। भगवान श्रीकृष्ण पर दुनिया में अपनी तरह के इस पहले सोप ओपेरा ‘राजाधिराज: लव लाइफ लीला’ का पहला मंचन 15 अगस्त की संध्या को होने जा रहा है।कान्हा के धरती पर अवतरित होने की रात जन्माष्टमी इस साल पूरे देश में 26 अगस्त को धूमधाम से मनाई जाएगी। बीते साल इस मौके पर शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ रिलीज हुई थी और जेल में जन्मे हीरो की इस कहानी को लोगों ने हाथों हाथ लिया। अब जेल में जन्मने वाले औऱ देश की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बड़े सुपरहीरो कान्हा की कहानी मुंबई में मंचित होने जा रही है। धनराज नाथवानी रचित संगीतमयी कृष्णलीला ‘राजाधिराज: लव लाइफ लीला’ का मंचन 15 अगस्त से 1 सितंबर तक मुंबई के बांद्रा पूर्व में स्थित नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (एनएमएसीसी) में होने जा रहा है।भव्य तरीके से तैयार हो रहे करीब दो घंटे के इस शो की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पूरे कार्यक्रम की तैयारियों में अभी से हजारों लोग लगे हुए हैं। शो को रसमयी बनाने की जिम्मेदारी गीतकार व लेखक प्रसून जोशी ने उठाई है। ‘राजाधिराज: लव लाइफ लीला’ में भगवान कृष्ण की बाललीलाओं से शुरू होने वाली यात्रा पहले चरण में ब्रज से मेवाड़ तक आएगी और दूसरे चरण में ये यात्रा मथुरा से द्वारका तक पहुंचेगी।डिज्नी की कहानी ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट’ की भव्य संगीतमय रंगमंचीय प्रस्तुति को निर्दशित कर चुकीं श्रुति शर्मा को ही ‘राजाधिराज: लव लाइफ लीला’ के निर्देशन की जिम्मेदारी मिली है। इस पूरे मंचन में करीब 60 नर्तक-नर्तकियां और 40 अभिनय के उस्ताद हिस्सा लेंगे। इस मंचीय प्रस्तुति की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें श्रीकृष्ण की दो भिन्न यात्राएं पहली बार एक साथ दिखाई जाएंगी। पहली यात्रा श्रीनाथ जी की है और दूसरी यात्रा है राजाधिराज द्वारकाधीश बनने की।

    जानकारी के मुताबिक इस पूरी रंगमंचीय प्रस्तुति के लिए 20 मौलिक गाने रचे जा चुके हैं। इनको संगीतबद्ध करने की जिम्मेदारी संगीतकार जोड़ी सचिन-जिगर को मिली है। इन गीतों में हवेली संगीत से लेकर राजस्थानी व गुजराती लोकनृत्यों व अन्य पारंपरिक शैलियों को जगह मिली है। मशहूर निर्माण रचयिता (प्रोडक्शन डिजाइनर) ओमंग कुमार ने इसके द्वापर युग शैली के सेट्स तैयार किए हैं। पूरी प्रस्तुति के लिए करीब पौने दो हजार कॉस्ट्यूम्स बन रहे हैं और कलाकारों के सिरों को सजाने के लिए फूलों के करीब पांच हजार मुकुट बन रहे हैं।